Unbiased Movie Review of SUI-DHAAGA
आज की दूसरी फ़िल्म है सुई धागा जिसे निर्देशित किया है शरत कटारिया, मुख्य भूमिका में हैं वरुण धवन, अनुष्का शर्मा, रघुवीर यादव, वरुण धवन यानी मौजी मौजी चन्द रुपयों की नौकरी सिलाई मशीन बेचने वाली दुकान पर करता है, पिता जी retire हैं और मौजी की पत्नी ममता यानी अनुष्का एक गृहिणी है, मौजी के मालिक के पुत्र की शादी में कुछ ऐसा घटता है जो ममता को नागवार लगता है, और वो चाहती है इससे अच्छा तो तुम कुछ अपना काम कर लो और बस यहीं से सुई धागा की कहानी शुरू होती है, फ़िल्म में छोटे छोटे दड़बे शरीखे घरों में रहने वाली joint family की कहानी को दिखाया है, वैसे तो इस तरह की फ़िल्म में आपको पहले से ही पता होता है कि आगे क्या होने वाला है, शरत कटारिया की आपको ज़ोर लगा के हईसा अवश्य याद होगी, कितनी शानदार फ़िल्म बनायी थी, लेकिन ये शायद उतनी शानदार नहीं है बड़ी starcast होने के बावजूद, कैसे पहली बार एक fashion show में भाग लेने वाले मौजी और ममता की team varieties of dresses बना लेते हैं, न उनके पास कोई expert guidance थी कि कितनी dress बनानी हैं कैसे present करना है fashion show में इत्यादि, हालाँकि मैं इसे आज के युवकों के लिये एक motivational फ़िल्म तरह देखता हूँ जो ये बताती की सपने अगर देख सकने क्षमता है तो उसे पूरी सकते हो, ek बड़ी company team work से बनती है विश्वास से बनती है, film का screenplay कुछ जगहों पर लचर है, direction अगर पिछली फ़िल्म ज़ोर लगा कर हईशा से compare करे तो फीका लगता है, शायद शरत ने सोचा की बड़े star हैं टी ये कुछ बेहतर ही करेंगे जबकि वरुण अनुष्का ने कोई कसर नहीं छोड़ी, best performance है डोनो की मेरे हिसाब से अभी तक, varun तो मुझे future के superstar दिखते हैं जब उनके आस पास उनसे बेहतरीन actor कोई नहीं होगा अगर wo ऐसे ही मेहनत करते रहे तो, फ़िल्म cinematography बढ़िया है overall ये एक मनोरंजक फ़िल्म है आपको entrepreneur बनने का गुर भी सिखाती है, इसे मेरी rating है ३ out of ५